
यासीन मलिक, दिल्ली हाईकोर्ट, हाफ़िज़ सईद, मनमोहन सिंह, 26/11 आतंकवाद
दिल्ली हाईकोर्ट में यासीन मलिक का सनसनीख़ेज़ दावा
कहा: 2006 में 26/11 मास्टरमाइंड हाफ़िज़ सईद से मुलाक़ात भारतीय सरकार के कहने पर की थी।
आरोप: “तत्कालीन PM मनमोहन सिंह को इसकी पूरी जानकारी थी और उन्होंने मुझे THANKS भी किया।”
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यहां तक कि बोले – “मनमोहन सिंह ने मुझे कश्मीर… pic.twitter.com/Z7lCCxDTD3
— Ocean Jain (@ocjain4) September 19, 2025
यासीन मलिक का सनसनीख़ेज़ दावा: दिल्ली हाईकोर्ट में नया मोड़
हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट में यासीन मलिक द्वारा किए गए एक सनसनीख़ेज़ दावे ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। मलिक ने कहा है कि उन्होंने 2006 में 26/11 के मास्टरमाइंड हाफ़िज़ सईद से भारतीय सरकार के कहने पर मुलाक़ात की थी। यह दावा उस समय किया गया जब वह कश्मीर संबंधी मामलों में अपनी भूमिका के बारे में न्यायालय में बात कर रहे थे।
भारतीय सरकार के इशारे पर मुलाक़ात
यासीन मलिक के अनुसार, यह मुलाक़ात भारतीय सरकार के निर्देश पर हुई थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इस मुलाक़ात की पूरी जानकारी थी और उन्होंने उन्हें इसके लिए धन्यवाद भी दिया था। यह जानकारी उनके द्वारा दी गई थी जब वह कश्मीर के मुद्दों पर चर्चा कर रहे थे।
मनमोहन सिंह का कथित समर्थन
मलिक ने आगे कहा कि मनमोहन सिंह ने उन्हें कश्मीर मुद्दे पर सहयोग करने के लिए कहा था। यह एक गंभीर आरोप है जो न केवल तत्कालीन प्रधानमंत्री बल्कि भारतीय राजनीति और सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। यदि यह आरोप सही साबित होता है, तो यह भारतीय सरकार की नीतियों पर कई सवाल उठाएगा।
26/11 का आतंकवादी हमला
26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इस हमले के पीछे हाफ़िज़ सईद का नाम आया था, जो लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक है। इस हमले में सैकड़ों निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। मलिक का यह दावा इस संदर्भ में और भी गंभीर हो जाता है, क्योंकि यह दिखाता है कि सरकार की आतंकी गतिविधियों के प्रति क्या दृष्टिकोण था।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
इस दावे के बाद राजनीतिक क्षेत्र में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। विपक्षी दलों ने इस मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की है, जबकि सत्ताधारी पार्टी ने इसे गलत और राजनीति से प्रेरित बताया है। सोशल मीडिया पर भी इस दावे के बारे में चर्चा तेज हो गई है, जहां लोग विभिन्न दृष्टिकोणों से इस मामले की गंभीरता पर बहस कर रहे हैं।
न्यायालय की भूमिका
दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई हो रही है, और न्यायालय ने यासीन मलिक के आरोपों को गंभीरता से लिया है। न्यायालय ने कहा कि यह आरोप यदि सही हैं, तो यह भारतीय राजनीति में एक बड़ा बदलाव ला सकता है। उच्च न्यायालय ने इस मामले में सभी पक्षों को सुनने का आश्वासन दिया है, ताकि सत्यता की जानकारी प्राप्त की जा सके।
निष्कर्ष
यासीन मलिक का यह दावा न केवल उनके व्यक्तिगत मामले को प्रभावित करेगा, बल्कि यह भारतीय राजनीति और सुरक्षा की दिशा में भी महत्वपूर्ण मोड़ ला सकता है। अगर यह आरोप सही साबित होते हैं, तो इससे आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति और कश्मीर मुद्दे पर बातचीत में भी बदलाव आ सकता है।
इस मामले को लेकर आगे क्या होता है, यह देखना दिलचस्प होगा। भारतीय न्यायपालिका की भूमिका इस संदर्भ में महत्वपूर्ण होगी, और उम्मीद की जाती है कि वह सही तथ्यों को सामने लाएगी।
इस प्रकार, यासीन मलिक का यह सनसनीख़ेज़ दावा न केवल कानूनी दृष्टिकोण से, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी एक महत्वपूर्ण मोड़ पेश कर रहा है। यह मामला आगे बढ़ने के साथ ही नए सवालों और चर्चाओं को जन्म देगा।

दिल्ली हाईकोर्ट में यासीन मलिक का सनसनीख़ेज़ दावा!
क्या मनमोहन सिंह ने 26/11 के मास्टरमाइंड को सराहा?
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दिल्ली हाईकोर्ट में यासीन मलिक का सनसनीख़ेज़ दावा
कहा: 2006 में 26/11 मास्टरमाइंड हाफ़िज़ सईद से मुलाक़ात भारतीय सरकार के कहने पर की थी।
आरोप: “तत्कालीन PM मनमोहन सिंह को इसकी पूरी जानकारी थी और उन्होंने मुझे THANKS भी किया।”
यहां तक कि बोले – “मनमोहन सिंह ने मुझे कश्मीर… pic.twitter.com/Z7lCCxDTD3
— Ocean Jain (@ocjain4) September 19, 2025